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अच्छी नींद के लिए आजमाए यह तरीका

अगर आप चाहते हैं कि रात में आपको सुकून की नींद आए, पैरों में कुलन और बेचैनी के कारण आपकी नींद में किसी तरह की बाधा ना आए तो आपको सोने से पहले एक खास काम करना होगा। यह काम आपके शरीर को राहत देने के साथ ही दिमाग को भी शांति देगा। आइए, जानते हैं कि आखिर क्या और कैसे करना है... अच्छी नींद का तरीका आपको क्या करना है? -बिस्तर पर जाने से पहले आपको अपने पैर साफ पानी से धुलकर कॉटन के कपड़े से पोछकर साफ करने हैं। इसके बाद सरसों के तेल से अपने पैरों की मालिश करें। यह मालिश 2 से 3 मिनट की भी हो तो काफी है। यहां जानें इस तरह हर दिन मालिश करने से आपको किस तरह के लाभ होंगे... पैर के तलुए में होते हैं सभी एक्युप्रेशर पॉइंट्स -हमारे पैर के तलुओं में पूरे शरीर के एक्यूप्रेशर पॉइंट्स होते हैं। पैर के तलुओं पर मसाज करने से इन पॉइंट्स पर दबाव पड़ता है, जिससे शरीर का तनाव कम होता है और मानसिक शांति बढ़ती है। इसलिए आप अच्छी नींद आती है। आपको क्या करना है? -बिस्तर पर जाने से पहले आपको अपने पैर साफ पानी से धुलकर कॉटन के कपड़े से पोछकर साफ करने हैं। इसके बाद सरसों के तेल से अपने पैरों
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शुगर लेवल कंट्रोल में रखने के लाजवाब टिप्स

पूरी दुनिया के साथ ही भारत में भी डायबिटीज गंभीर बीमारियों में से एक बन गया है. डायबिटीज के मरीजों को खान-पान के साथ ही अपने वजन को नियंत्रण में रखने पर ध्यान देना जरुरी है. डायबिटीज से लड़ने के लिए स्वस्थ शुगर लेवल का होना बेहद जरूरी है. शुगर लेवल शरीर में बिगड़ता है तो उससे किडनी, हृदय और आंखे भी प्रभावित होती हैं. शुगर लेवल कंट्रोल टिप्स कोरोना काल में डायबिटीज जैसी बीमारी काफी घातक साबित हो रही है. डायबिटीज के कारण 40 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों के साथ ही 10 साल के बच्चे भी ग्रस्त हो रहे हैं. डायबिटीज गंभीर तब हो जाती है जब इसे नजरअंदाज कर दिया जाए लेकिन इस बीमारी से लड़कर इसे कमजोर किया जा सकता है। डायबिटीज के रोगियों के लिए वजन कम करने के नुस्खे डायबिटीज के दौरान अपने शरीर और वजन पर ध्यान नहीं देना गंभीर स्वास्थ्य कारणों को पैदा कर सकता है. भारत को मोटे तौर पर दुनिया की डायबिटीज राजधानी माना जाता है. डायबिटीज की स्थिति में वजन बढ़ना और मोटापा आम मुद्दे हैं. हालांकि अपने वजन को कम करके और मोटापे को नियंत्रित करके डायबिटीज के खतरे को कम किया

डायबटीज और डायरिया से जुड़े लक्षण और बचाव के तरीके

अक्सर डायबिटीज के मरीज दस्‍त या कब्‍ज की शिकायत रहती है. एक रिसर्च की मानें तो लगभग 60 प्रतिशत मधुमेह के रोगियों को दस्‍त या कब्ज की समस्या से जूझना पड़ा था, तो आइए आज हम आपको इसके पीछे के कारण, लक्षण और उपायों के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। अक्सर डायबिटीज रोगियों में पाचन तंत्र में गड़बड़ी की समस्या देखी जाती है. इसी के चलते डायबिटीज रोगियों को एक हेल्दी खानपान की सलाह दी जाती है. लेकिन आमतौर पर डायबिटीज के रोगी दस्‍त या कब्‍ज की शिकायत से परेशान हो सकते हैं. एक रिसर्च के अनुसार लगभग 60 प्रतिशत डायबिटीज के रोगियों को दस्‍त या कब्ज की समस्या से जूझना पड़ा था, तो आइए आज हम आपको इसके पीछे के कारण, लक्षण और उपायों के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। डायबिटीज और डायरिया के लक्षण डायबिटीज और दस्‍त    पाचन तंत्र की समस्या उन लोगों में अधिक पाई जाती है, जो डायबिटीज की स्थिति गंभीर से जूझ रहे होते हैं. इस प्रकार की स्थिति को डायबिटिक न्यूरोपैथी कहा जाता है. यह आपके पाचन तंत्र और शरीर के सभी अंगों को प्रभावित करती है. इसमें डायबिटीज सीधे वेगस तंत्रिका

कोरोना में इम्युनिटी बढ़ाने वाला काढ़ा भी कर सकता है नुकसान

कोरोनाकाल में काढ़े का इस्तेमाल कफ विकार वाले लोगों के फायदेमंद होता है. वहीं ज्यादा सेवन के कारण इससे कई नुकसान भी होते हैं. पित्त और वात दोष वालों को अपने काढ़े में ज्यादा गर्म चीजें नहीं डालनी चाहिए. ऐसे लोगों को काली मिर्च, दालचीनी और सोंठ जैसी चीजें डालते समय सावधानी बरतनी चाहिए। जब से कोरोनोवायरस महामारी ने हमारे जीवन को प्रभावित किया है, तब से कई घरों में हर एक दिन काढ़ा पीने की नियमित दिनचर्या का पालन किया जा रहा है. काढ़ा हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने से लेकर हमारे शरीर के ज्यादातर स्वास्थ्य में सुधार करने में लाभदायक है. हालांकि काढ़े का ज्यादा सेवन करना आपके लिए हानिकारक भी हो सकता है। कोरोना में इम्युनिटी बढ़ाने वाले काढ़े के नुकसान काढ़े का इस्तेमाल कफ विकार वाले लोगों के फायदेमंद होता है. नियमित रूप से काढ़ा पीने से कफ खत्म हो जाता है. लेकिन पित्त और वात दोष वालों को अपने काढ़े में ज्यादा गर्म चीजें नहीं डालनी चाहिए. ऐसे लोगों को काली मिर्च, दालचीनी और सोंठ जैसी चीजें डालते समय सावधानी बरतनी चाहिए. ये चीजें आपके लिए परेशानी खड़ी कर सकती ह

आँखों की रोशनी बढ़ाने के 10 सबसे बेहतर तरीके

आपके शरीर की तरह ही आपकी आंखों को भी व्यायाम की आवश्यकता होती है जिससे वह बेहतर तरीके से काम कर सकें, तो आइए आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं, जिनको अपनाकर आपकी आंखों की सेहत और रोशनी दोनों ही बढ़ती हैं। अगर आपकी मांसपेशियां पर्याप्त मूवमेंट नहीं करती हैं, तो यह कमजोर होने लग जाती हैं. आपके शरीर की कई अन्य मांसपेशियों की तरह ही आपकी आंखों की मांसपेशियों को भी व्यायाम की आवश्यकता होती है जिससे वो बेहतर तरीके से काम करने में सक्षम हों. वैसे तो आप अपनी आंखों की रोशनी को बढ़ाने के लिए बहुत से तरीके अपना सकते हैं. लेकिन आज हम आपको कुछ बेस्ट टिप्स बताने जा रहे हैं, जिनको अपनाकर आपकी आंखों की सेहत और रोशनी दोनों ही बढ़ती हैं। आँखों की रोशनी बढ़ाने के तरीके आंखों को हेल्दी रखने के 10 आसान तरीके- 1- आपको अपनी आंखों पर आवश्यकता से अधिक दबाव बनाने से बचना चाहिए. अपनी आंखों को कुछ मिनटों के लिए बंद करके आराम दें और हर 2-3 घंटे में एक बार इसे दोहराएं। 2- आंखों की कुछ ऐसी एक्सरसाइज करें. जिनको करके आप आंखों को हेल्दी बना सकते हैं। 3- अगर आप चश्मा लगाते हैं,

सिर दर्द का कारण,लक्षण और घरेलू उपचार

सिर दर्द का कारण,लक्षण और घरेलू उपचार सिर दर्द की समस्या दोस्तो अगर आप तेज सिर दर्द के कारण परेशान रहते हैं तो इसे बिल्कुल भी हल्के में मत लीजिए, क्योंकि यह दर्द माइग्रेन की वजह से भी हो सकता है। दर्द सिर के किसी भी भाग में हो सकता है और किसी भी उम्र के लोगों को यह समस्या हो सकती है। ऐसे में आप अपने जीवनशैली में सुधार और कुछ घरेलू उपायों के जरिए सिर के इस तेज दर्द से बिना दवाई के छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानते हैं क्या होता है माइग्रेन और कैसे इससे बचाव करें... क्या है सिर में होने वाला तेज दर्द? सिर में होने वाला तेज दर्द माइग्रेन होता है। यह दर्द कान, आंख के पीछे और कनपटी के साथ सिर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। माइग्रेन का दर्द कभी-कभार इतना तेज होता है कि असहनीय हो जाता है। ऐसे में इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है और फौरन डॉक्टरी सलाह के साथ ही कुछ घरेलू उपायों को करने की भी जरूरत होती है। वैसे तो यह एक आनुवांशिकी बीमारी है जो कई वजहों से होती है। सिर दर्द की समस्या  लक्षण माइग्रेन के लक्षणों में जी मिचलाना, शरीर में असहज होना और सि

कोरोना से ठीक हो जाने के बाद आने वाली समस्या

भारत में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 78,761 नए मामले सामने आए हैं। इसे एक दिन में कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आने का विश्व रिकॉर्ड बताया जा रहा है। यहां अब तक संक्रमण के 35 लाख 42 हजार से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें से करीब सात लाख 65 हजार मामले फिलहाल सक्रिय हैं और 27 लाख 13 हजार से अधिक मरीज इस वायरस से ठीक हो चुके हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ठीक होने के बाद भी कोरोना वायरस के कारण किसी प्रकार की समस्या हो सकती है? आइए जानते हैं इसपर विशेषज्ञ क्या कहते हैं... क्या ठीक हुए मरीजों में ईटिंग डिसऑर्डर की समस्या पाई जा रही है?   डॉक्टर ए. के. वार्ष्णेय कहते हैं, 'जो लोग कोरोना वायरस से बहुत गंभीर रूप से संक्रमित हुए या वेंटिलेटर पर रहे हैं, उनमें ठीक होने के बाद कुछ समस्याएं सामने आ रही हैं। इसका एक कारण उनके अंदर का भय और तनाव भी है। दरअसल, कोविड से ठीक होने के बाद थकान, खाने में परेशानी, स्वाद न आना, सांस लेने में परेशानी, आदि रहती है। इसलिए ठीक होने के बाद ता